नई दिल्ली/खुशबू पाण्डेय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि जब एक एक भारतवासी लोकल के लिए वोकल होता है तो लोकल ग्लोबल बन जाता है। उन्होंने कहा कि भारत ने 400 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इससे भारत की क्षमता का हमें पता चलता है। साफ है कि भारत के सामान की दुनिया में मांग बढ़ रही है। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल ही में पद्म सम्मान दिए गए हैं। इस दौरान लोग स्वामी शिवानंद को देखकर हैरान रह गए कि कैसे वह इतनी लंबी आयु के बाद भी फिट बने हुए हैं। उनकी सेहत देश में चर्चा का विषय बन गई है। उनके अंदर योग का जुनून रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया भर में योग का आकर्षण बढ़ रहा है। इसके अलावा आयुष उद्योग में भी तेजी देखने को मिल रही है।
—’मन की बात’ में PM नरेंद्र मोदी का बड़ा संदेश, पानी जरूर बचाएं
—आंबेडकर और महात्मा फुले का जिक्र, कारोबार की फिक्र
—फुले ने बेटियों के लिए स्कूल खोले, कन्या शिशु हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाई
—आजादी के 75 साल के मौके पर हर जिले में 75 सरोवर बनाएंगे
—जिन बेटियों की पढाई किसी वजह से छूट गई है, दोबारा स्कूल लाने पर फोकस किया जा रहा
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को याद करते हुए उनकी जयंतियों को मनाने का भी आह्मवान किया। ज्योतिबा फुले की जयंती 11 अप्रैल को होती है, जबकि 14 अप्रैल को आंबेडकर की जयंती होती है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें बाबासाहेब के कार्यों में भी हमें ज्योतिबा फूले की पूरी छाप देखने को मिलती है। पीएम मोदी ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर से जुड़े पंचतीर्थों पर काम करने का भी हमें मौका मिला है। उन्होंने कहा कि मुझे उनसे जुड़े सभी तीर्थस्थलों पर जाने का मौका मिला है। इन दोनों ही महापुरुषों ने भेदभाव और असमानता के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी। महात्मा फुले ने उस दौर में बेटियों के लिए स्कूल खोले, कन्या शिशु हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाई। उन्होंने जल – संकट से मुक्ति दिलाने के लिए भी बड़े अभियान चलाये।
Through his work, Mupattam Sri Narayanan ji has illustrated what compassion towards birds truly means. #MannKiBaat pic.twitter.com/PJSFJiSdsY
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2022
पीएम ने कहा कि महात्मा फुले की इस चर्चा में सावित्रीबाई फुले जी का भी उल्लेख उतना ही ज़रूरी है। सावित्रीबाई फुले ने कई सामाजिक संस्थाओं के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई। एक शिक्षिका और एक समाज सुधारक के रूप में उन्होंने समाज को जागरूक भी किया और उसका हौंसला भी बढाया। दोनों ने साथ मिलकर सत्यशोधक समाज की स्थापना की। जन-जन के सशक्तिकरण के प्रयास किए। हमें बाबा साहब अम्बेडकर के कार्यों में भी महात्मा फुले के प्रभाव साफ़ दिखाई देते हैं। वो कहते भी थे कि किसी भी समाज के विकास का आकलन उस समाज में महिलाओं की स्थिति को देख कर किया जा सकता है। महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन से प्रेरणा लेते हुए, मैं सभी माता –पिता और अभिभावकों से अनुरोध करता हूँ कि वे बेटियों को ज़रूर पढ़ायें। बेटियों का स्कूल में दाखिला बढ़ाने के लिए कुछ दिन पहले ही कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव भी शुरू किया गया है, जिन बेटियों की पढाई किसी वजह से छूट गई है, उन्हें दोबारा स्कूल लाने पर फोकस किया जा रहा है।
The special milestone achieved by @GeM_India of crossing order values of Rs. 1 Lakh Crore in a year illustrates a paradigm shift. Gone are the days when only a select few could do business with the Government. A new culture of openness and enterprise has been set. #MannKiBaat pic.twitter.com/0A5kXOSaoh
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2022
इस दौरान पानी बचाने की अपील करते हुए पीएम ने कहा कि सदियों पहले रहीम दास कह कर गए हैं कि रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में जल संरक्षण और जल स्रोतों की सुरक्षा समाज के स्वभाव का हिस्सा रहा है। मुझे खुशी है कि देश में बहुत से लोगों ने जल संरक्षण को ही जिंदगी का मिशन बना दिया है। ऐसे ही शख्स हैं, चेन्नै के अरुण कृष्णमूर्ति। उन्होंने 150 से ज्यादा तालाबों की सफाई कराई है। इसके अलावा महाराष्ट्र के रोहन काले का भी पीएम नरेंद्र मोदी ने जिक्र किया, जो लंबे समय से कुंओं की सफाई का काम कर रहा है। पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए हम जो भी कुछ कर सकते हैं, वो हमें जरूर करना चाहिए।
स्वच्छता को जैसे हमारे बच्चों ने आंदोलन बनाया, वैसे ही वो ‘Water Warrior’ बनकर, पानी बचाने में मदद कर सकते हैं। #MannKiBaat pic.twitter.com/7MlueLmLQM
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2022
मन की बात में पीएम ने कहा कि मैं उस राज्य से आता हूं, जहां पानी की हमेशा से कमी रही है। वहां वाव की परंपरा रही है, जिसे अन्य इलाकों में सीढ़ी वाले कुएं कहा जाता है। वहां बावड़ियों के जरिए जल स्तर सुधारने में मदद मिली है। देश भर में चेक डैम आदि के जरिए यह काम किया जा सकता है। हम लक्ष्य तय कर सकते हैं कि आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर हम हर जिले में 75 सरोवर बना सकते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम की यह भी खूबी है कि मुझे अलग-अलग भाषाओं में लोगों के संदेश मिलते हैं। भारत की संस्कृति हमारी भाषाओं, बोलियों में समाई हुई है। ये विविधताएं हमारी ताकत है। पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक यही विविधता हमें एक करती है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने माधवपुर मेले का भी जिक्र किया
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान माधवपुर मेले का भी जिक्र किया। यह मेला गुजरात के पोरबंदर में समुद्र के पास माधवपुर गांव में लगता है। उन्होंने कहा कि इसका नाता पूर्वी भारत से भी है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का विवाह पूर्वोत्तर की राजकुमारी रुक्मिणी से हुआ था। यह विवाह माधवपुर में संपन्न हुआ था और उसकी याद में ही आज भी यह मेला लगता है। पीएम मोदी ने कहा कि एक सप्ताह तक यह मेला भारत की एकता की मिसाल बन जाता है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को इस मेले के बारे में जानना चाहिए।