—500 बिस्तर वाला मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाने के लिए किया अरदास
—विश्वस्तरीय होगा अस्पताल, गरीबों को मुफ्त इलाज, स्वास्थ्य बीमा भी मिलेगा
—दिल्ली की संगत को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दावा
नई दिल्ली /अदिति सिंह : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में बाला साहिब अस्पताल का अहम रोल रहा है। अगले चुनाव में भी बाला साहिब अस्पताल का मुख्य रोल रहेगा। यही कारण है कि इसको लेकर अभी से सियासत तेज हो गई है। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना दल) को इसी अस्पताल ने कुर्सी से उतारा था, अब इसी अस्पताल के जरिये परमजीत सिंह सरना दोबारा कमेटी की सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। रविवार को इसकी शुरुआत भी कर दी है। सरना एवं उनकी पार्टी खंडहर में तब्दील हो चुकी बिल्डिंग में आलीशान बाला साहिब मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाना चाहते हैं। इसके लिए रविवार को उन्होंने अरदास समागम की शुरुआत की। इस मौके पर उनकी पार्टी एवं दिल्ली के भारी संख्या में सिख संगत भी शामिल हुई। सरना का सपना है कि वह बाला साहिब में 500 बिस्तर काा भव्य अस्पताल को फिर से शुरू करके, दिल्ली की संगत को सौंपना है। यह अस्पताल विश्वस्तरीय होगा, जिसके निर्माण से हजारों जरूरत मंदो एवं गरीबों को मुफ्त इलाज के साथ ही स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी मिलेगा।
अरदास समागम के दौरान परमजीत सिंह सरना ने कहा कि आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। जिस विश्वस्तरीय अस्पताल का सपना उन्होंने निःस्वार्थ भाव से एक दशक पहले देखा था उसको हकीकत में बदलने के लिए आज हम सभी अरदास करने के लिए इक्कठे हुए है। बाला साहिब अस्पताल का निर्माण करके दिल्ली की सम्मानित संगत को मुफ्त इलाज एवं बीमा उपलब्ध कराना है। सरना ने कहा कि कोरोना महामारी काल में देंखे, हमारे भाई, कर्मचारी और जरूरतमंद बिना जरूरी सेवाओं की वजह से दम तोड़ रहे है। यदि बाला साहिब अस्पताल तैयार होता तो आज यह दिन नही देखना पड़ता।
यूथ विंग प्रधान रमनदीप सिंह सोनू ने कहा कि अकाली दल ने पवित्र धर्म को अपने राजनीतिक हथकंडे का सलीका बना लिया है। इस अस्पताल को 2013 में बनने से रोक दिया, क्योंकि उनको अपने राजनीतिक भविष्य पर खतरा नज़र आ रहा था। हकीकत यह है कि इससे सिर्फ संगत को नुकशान हुआ है। हमें इन नेताओं से छुटकारा पाने की जरूरत है और सिर्फ पंथ के राह पर पंथ के लिए काम करना है।
दिल्ली की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है बाला साहिब अस्पताल : गुरमीत शंटी
अरदास समागम में दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के पूर्व महासचिव एवं वर्तमान सदस्य गुरमीत सिंह शंटी ने बाला साहिब अस्पताल को समय की अनिवार्यता और दिल्ली की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि गंदी राजनीति की वजह से इस नेक काम में अडंगे पड़ने पर गहरा दुःख भी जताया। उन्होंने कहा कि अगर यह अस्पताल 2013 में बन गया होता तो दिल्ली की लाखों सिख संगत एवं गरीब आज जनता को अच्छी इलाज मुहैया करवाया गया होता, लेकिन अफसोस की यह तत्कालीन विरोधियों की सियासत की भेंट चढ गया।
कैंसर स्क्रीनिंग, रोबोटिक सर्जरी,बॉन मैरो ट्रांसप्लांट होगा : हरविंदर सरना
शिअद महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि बाबा हरबंस सिंह के सपनो को पूरा करने का बीड़ा उठाया है और इसे पूरा करके रहेंगे। 500 बिस्तर का आलीशान अस्पताल को दिल्ली को सौंपा जाएगा। इसमे कैंसर स्क्रीनिंग, रोबोटिक सर्जरी,बॉन मैरो ट्रांसप्लांट, हॉप प्रोग्राम इत्यादि के तहत अन्य इलाज मुफ्त कराया जाएगा। इसके साथ ही मुख्य सर्जरियों पर 60 प्रतिशत तक के न्यूनतम भाव पर इलाज, मुफ्त ओपीडी, मुफ्त दवाइया, विश्वस्तर की रेडियोलॉजी भी उपलब्ध होगी।