दंतेवाड़ा/रश्मि मिश्रा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बस्तर के नक्सल प्रभावित बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों का दौरा कर हाल ही में कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में संपन्न देश के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान के बाद जवानों से मुलाक़ात की और उनका मनोबल बढ़ाया। मुख्यमंत्री जब गलगम स्थित सीआरपीएफ कैंप पहुँचे, तो उन्होंने जवानों की सराहना करते हुए कहा कि अब यह जंग सिर्फ़ जवानों के हौसले और बहादुरी के साथ- साथ , शिक्षा, रोज़गार और विकास के ज़रिए लड़ी जाएगी।कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने 31 खूंखार नक्सलियों को ढेर किया, जिनमें संगठन के उच्च रैंक के कैडर शामिल थे। अभियान के दौरान 450 से अधिक आईईडी निष्क्रिय किए गए और बड़ी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार बरामद हुए। मुख्यमंत्री ने इसे केवल सैन्य सफलता न मानते हुए कहा कि यह अब क्षेत्र में स्थायी शांति और समावेशी विकास के लिए अवसर है।
मुख्यमंत्री का यह दौरा राज्य सरकार की ‘सुशासन त्योहार’ पहल के अंतर्गत हुआ, जिसका उद्देश्य है शासन को ज़मीनी स्तर पर पहुँचाना और जनसरोकार की योजनाओं की प्रगति का निरीक्षण करना। इस कड़ी में उन्होंने ग्राम पंचायत मुलेर का दौरा कर विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की।ग़ौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में साय सरकार सुशासन तिहार के जरिए ग्रामीणों से सीधा संवाद कर रही है. गाँव के लोग बताते हैं कि मुख्यमंत्री अचानक आ धमकते हैं और सीधे पूछते हैं—“राशन मिल रहा है? स्कूल चल रहा है? आवास मिला या नहीं? आयुष्मान कार्ड बना या नहीं?” और जवाब अगर ‘नहीं’ हुआ, तो वहीं पर मौजूद अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी जाती है।
जहाँ कभी बंदूक की गूंज थी, वहाँ अब बच्चों की हँसी गूँजेगी
मुख्यमंत्री बीजापुर के ग्राम पंचायत मुलेर पहुँचे। यहाँ की आबादी मात्र 474 है, लेकिन इसके विकास की कहानी बड़ी है। मुख्यमंत्री ने नई प्राथमिक शाला की नींव की प्रगति देखी, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 22 आवासों का निरीक्षण किया, और 4.50 लाख रुपये की लागत से बन रहे सामुदायिक शौचालयों की जानकारी ली। एक और सुखद पहलू यह रहा कि यहाँ 6 स्व-सहायता समूह गठित किए जा चुके हैं। लक्ष्मी स्व-सहायता समूह ने महज़ कुछ ही समय में 40,000 रुपये का मुनाफ़ा कमाया। मुख्यमंत्री ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “यह आर्थिक आत्मनिर्भरता ही असली लोकतंत्र की जड़ है।”
बीजापुर में विकसित की जा रही सेंट्रल लाइब्रेरी अब सिर्फ़ किताबों की जगह नहीं, बल्कि एक न्यू एज लर्निंग सेंटर बन चुकी है। यहाँ कंप्यूटर प्रशिक्षण 22 जनवरी 2025 से शुरू हुआ, जिसमें 30 छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके साथ 1 अप्रैल 2025 से निःशुल्क करियर कक्षाएँ चलाई जा रही हैं, जहाँ 60 युवा सपनों को आकार दे रहे हैं।
यहाँ आधुनिक तकनीक का उपयोग भी हो रहा है — VR सेट, डेलाइट स्कोप और एलेक्सा जैसी टेक्नोलॉजी से बच्चे पढ़ाई को अनुभव बना रहे हैं।
*जहाँ कल तक बंदूक थामे थे, वहाँ आज ड्रोन उड़ाना सीख रहे हैं
*
मुख्यमंत्री ने पुराने नवोदय छात्रावास में चल रहे पुनर्वास केंद्र का दौरा किया। यहाँ 90 आत्मसमर्पित नक्सली न केवल सुरक्षित जीवन जी रहे हैं, बल्कि सम्मानजनक रोज़गार की दिशा में प्रशिक्षण भी ले रहे हैं। उन्हें ड्रोन ऑपरेटर, स्मॉल पॉल्ट्री फार्मर, टैक्सी ड्राइवर जैसे कोर्स में प्रशिक्षित किया जा रहा है।