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Saturday, November 1, 2025

चांदनी चौक में वाहनों की नो एंट्री पर भड़के सिख, फाड़े पोस्टर

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-गुरुद्वारा शीशगंज साहिब तक गाड़ी जाने की उठाई मांग
-नो एंट्री तोडऩे पर 20 हजार रुपये का लगेगा जुर्माना
-कुलवंत बाठ, मंजीत सिंह जीके सहित कई नेताओं ने किया विरोध

नई दिल्ली /टीम डिजिटल : चांदनी चौक के गुरुद्वारा शीशगंज साहिब रोड पर सुबह 9 बजे से रात 9 बजे वाहनों की नो एंट्री करने पर सिख भड़क उठे हैं। इसको लेकर सिखों के अलग-अलग संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है। साथ ही कुछ लोगों ने दिल्ली पुलिस की ओर से लगाए गए जुर्माने के पोस्टर फाड़ दिए। चांदनी चौक में नो एंट्री के बहाने सिख संगठन सियासत भी चमका रहे हैं। जबकि कुछ लोग विरोध करना है इसलिए उसका विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि चांदनी चौक का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इसके चलते पूरे क्षेत्र का स्वरूप बदल दिया गया है। इस रोड पर वाहनों की आवाजाही ना हो इसके लिए दिल्ली पुलिस ने पूरी तरह से मुख्य रोड पर वाहनों की नो एंट्री कर दी है। साथ ही 20 हजार रुपये जुर्माना के पोस्टर चिपका दिए हैं। रविवार को इसी पोस्टर को देख दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य कुलवंत सिंह बाठ मौके पर पहुंचे और देखते ही भड़क उठे। वह सरकार को चेतावनी देते हुए इसे तुरंत हटाने की मांग की। साथ ही दिल्ली पुलिस के बोर्ड एवं पोस्टर फाड़ दिए। कुलवंत सिंह बाठ ने कहा कि अगर नो एंट्री नहीं खोली गई तो इसका सख्त विरोध किया जाएगा।
उधर, जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने सरकार को चेतावनी दी कि चांदनी चौक की खूबसूरती के नाम पर संगत को गुरद्वारा शीशगंज साहिब जाने से रोकने की मनमानी नहीं चलेगी। पहले 2016 में भी इसी शाहजहांनाबाद डिवलेपमेंट प्रोजेक्ट के नाम पर गुरद्वारा शीशगंज साहिब के प्याऊ को गिराने की गुस्ताखी सरकार ने की थी, तब भी दिल्ली हाईकोर्ट के दखल से फिर से प्याऊ बनाने की मंजूरी मिल गई थी।
इस मामले में जीके ने दिल्ली कमेटी प्रबंधकों को कटघरे में खड़ा किया। साथ ही आरोप लगाए कि 11 नवंबर 2020 को दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने गुरुद्वारा शीशगंज साहिब तक कार से आने के इच्छुक श्रद्धालुओं को कार सहित आने देने की दिल्ली कमेटी द्वारा लगाई गई याचिका बर्खास्त कर दी थी। लेकिन जब दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कल आधिकारिक तौर पर नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया तक दिल्ली कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को सरकार को धमकी देने की याद आ गई। कमेटी यह बताएं कि दिल्ली हाईकोर्ट से इस मामले में आशानुरूप आदेश ना मिलने के बावजूद 7 महीने और 7 दिन तक कमेटी ने क्या किया ? कमेटी ने दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल, दिल्ली पुलिस सहित किस से इस बाबत कब और कैसे संपर्क किया था ? ।

सिखों को विश्वास में लेना चाहिए था, उपराज्यपाल से मिलेंगे : सिरसा

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। समय मिलते ही पूरी बात उनके समक्ष रखी जाएगी। सरकार को अगर अध्यादेश पास करना ही था तो एक बार कमेटी प्रबंधन से बातचीत करना चाहिए था। सिखों को विश्वास में लेना जरूरी था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। सरकार ने नो एंट्री का बोर्ड लगाकर बहुत गलत काम किया है, इसे हर हाल में वापस लेना पड़ेगा। सिरसा ने कहा कि सरकारें पूरी तरह से जिम्मेदार हैं, लेकिन कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके सरकार का विरोध करने की बजाय उनका विरोध कर रहे हैं। सिरसा के मुताबिक मंजीत ङ्क्षसह जीके सिखों का समर्थन करने की बजाय बीजेपी की सरकार को बचाने के लिए लगे हुए हैं।

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