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Saturday, April 1, 2023

गर्भवती महिला कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए

—यूपी में सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में बीमार, दिव्यांग कर्मचारी को मिले सुविधा
— सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में 10 टेलीफोन नम्बर क्रियाशील किये जाएं
—गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित विशेष जांच अभियान की समीक्षा

लखनऊ /नेशनल ब्यूरो:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पर्याप्त संख्या में टेस्ट के बावजूद पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों में 55 हजार से अधिक की कमी आशाजनक संकेत है। उन्होंने कोरोना पर नियंत्रण एवं उपचार व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए सभी प्रयास निरन्तर जारी रखे जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य स्तरीय कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि 30 अप्रैल, 2021 को प्रदेश में कोरोना के कुल 03 लाख 10 हजार 783 एक्टिव मामले थे। वर्तमान में कुल एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 02 लाख 54 हजार 118 है। इस प्रकार एक सप्ताह में एक्टिव मामलों में 55,000 से अधिक की कमी आयी है। राज्य में निरन्तर प्रतिदिन दो से ढाई लाख करोना जांचे की जा रही हैं। विगत 24 अप्रैल को लगभग 38,000 पाॅजिटिव मामले आये थे। तब से पाॅजिटिव मामलों में भी लगातार कमी आ रही है। विगत 24 घण्टे में कोरोना संक्रमण के 28,076 नए मामले मिले हैं, जबकि 33,117 कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किये गए।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में बीमार, दिव्यांग कर्मचारी और गर्भवती महिला कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए। इसी प्रकार, सभी सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कार्मिक क्षमता से ही कार्य लिया जाए। एक समय मे एक तिहाई से अधिक कर्मचारी कतई उपस्थित न रहें। इसके लिए रोस्टर तैयार करते हुए व्यवस्था को तत्काल प्रभावी बनाया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनायी जाए कि कोरोना संक्रमित प्रत्येक जरूरतमन्द व्यक्ति को अस्पताल में आसानी से बेड सुलभ हो। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को इसके लिए प्रभावी प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेन्टर (आईसीसीसी) को व्यवस्थित, सुचारु एवं प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी जनपदों में आईसीसीसी में कम से कम 10 टेलीफोन नम्बर क्रियाशील किये जाएं। आईसीसीसी में प्रशिक्षित एवं पर्याप्त संख्या में लोग तैनात किए जाए, जिनकी ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगायी जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आईसीसीसी द्वारा प्रतिदिन किये गये कार्यों की जानकारी ली जाए। उन्होंने स्वास्थ्य राज्य मंत्री को प्रत्येक आईसीसीसी के नोडल अधिकारी एवं वहां तैनात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से सूची एवं फोन नम्बर प्राप्त कर माॅनिटरिंग करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री जी ने स्वास्थ्य मंत्री से बेड की संख्या में वृद्धि एवं मैन पावर की उपलब्धता की प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि सभी जनपदों में कोविड बेड की संख्या में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास जारी रखी जाएं। साथ ही, मानव संसाधन भी पर्याप्त संख्या में सुलभ कराए जाएं। उन्होंने सभी जनपदों में स्थापित एल-1, एल-2 एवं एल-3 कोविड अस्पतालों में स्थापित बेड की संख्या की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एल-1 अस्पतालों को निरन्तर कार्यशील रखते हुए, वहां सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास किया जाए। इन अस्पतालों मे ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के माध्यम से आक्सीजन की व्यवस्था की जाए।

हर गाँव में प्रत्येक लक्षणयुक्त व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाए

गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित विशेष जांच अभियान की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी अपने जनपद में आरआरटी की संख्या को बढ़ाकर तीन से चार गुना करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों द्वारा हर गाँव में प्रत्येक लक्षणयुक्त व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह संज्ञान में आ रहा है कि कतिपय निजी एम्बुलेंस संचालकों तथा निजी अस्पतालों द्वारा पीड़ितों को सेवा उपलब्ध कराने के लिए असंगत रूप से अत्यधिक धनराशि ली जा रही है। उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए निजी एम्बुलेंस सेवा की किराया दर निर्धारित किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में उपचार की दर भी निर्धारित की जाए। प्रत्येक जनपद में रेमडेसिविर सहित अन्य जीवन रक्षक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें। रेमडेसिविर इन्जेक्शन डाॅक्टर की मौजूदगी में ही दिया जाए। इस सम्बन्ध में एक सूची भी तैयार की जाए, जिस पर डाॅक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ दोनों द्वारा हस्ताक्षर किये जाएं।

सांसदों एवं विधायकों द्वारा वैक्सीनेशन का शुभारम्भ कराया जाए

मुख्यमंत्री  ने 18 से 44 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन हेतु वैक्सीन की निरन्तर उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विगत 01 मई से इस आयु वर्ग के लिए 07 जनपदों में संचालित वैक्सीनशन कार्यक्रम के अलावा, आगामी सोमवार से 11 अन्य जनपदों में भी यह टीकाकरण कार्यक्रम प्रारम्भ होगा। इस प्रकार प्रदेश के कुल 18 जनपदों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वयं उनके द्वारा किसी जनपद में वैक्सीनेशन का शुभारम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री जनपद शाहजहांपुर तथा स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किसी जनपद में वैक्सीनेशन प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने कहा कि सांसदों एवं विधायकों द्वारा अलग-अलग वैक्सीनेशन सेण्टर्स पर वैक्सीनेशन का शुभारम्भ कराया जाए। इस कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन किया जाए।

डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री ने कोरोना कफ्र्यू की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि सब्जी

मंडियों को खुले स्थान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संचालित कराया जाए। मण्डी स्थल पर पुलिस कर्मी उपस्थित रहकर लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कण्टेनमेण्ट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू करने तथा वहां डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस लाइन, पुलिस ट्रेनिंग सेण्टर और पीएसी वाहिनियों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फॉगिंग की प्रभावी कार्यवाही पर बल देते हुए कोविड केयर सेण्टर के संचालन के निर्देश दिए।

कम्युनिटी किचन से सभी जरूरतमन्दों को फूड पैकेट उपलब्ध कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री जी ने कम्युनिटी किचन के माध्यम से सभी जरूरतमन्दों को फूड पैकेट उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि क्वारन्टीन सेण्टर पर भी भोजन आदि की व्यवस्था रहनी चाहिए। खाद्यान्न वितरण एवं गेहूं क्रय का कार्य सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड प्राटोकाॅल का पालन करते हुए सुचारु ढंग से कराया जाए। औद्योगिक संस्थानों/इकाइयों का निर्बाध संचालन कोविड से बचाव के उपाय अपनाते हुए जारी रहना चाहिए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में 99,200 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करायी गयी है। साथ ही, औद्योगिक संस्थानों में स्थापित कोविड केयर सेण्टर में 2180 बेड की व्यवस्था भी की गयी है।
समीक्षा में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।

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