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Monday, October 20, 2025

Salim Chishti की दरगाह के नये उत्तराधिकारी पीरजादा अरशद फरीदी होंगे

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फतेहपुर सीकरी/ अदिति सिंह । सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती (Sufi saint Hazrat Sheikh Salim Chishti) की दरगाह के सज्जदानशीन हजरत पीरजादा रईस मियां चिश्ती ने अपने उत्तराधिकारी के नाम का ऐलान कर दिया है। ऐतिहासिक कचहरी खानकाह मे उर्स की महफिल के दौरान ये घोषणा की गई। इस मौके पर सूफियों और सज्जदानशीनों समेत हजारों लोगों ने शिरकत की। अजमेर शरीफ दरगाह के सज्जदानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदींन्न अली खान ने बधाई दी है। एक बयान के मुताबिक, सज्जादानशीन पीरजादा अयाजुद्दीन चिश्ती उर्फ रईस मियां ने अपने संबोधन मे कहा कि 1943 में उनके पिता पीरजादा अजीजुद्दीन चिश्ती के निधन के बाद उन्हें सज्जादानशीन बनाया गया था, तब उनकी उम्र सात वर्ष थी। उन्होंने कहा कि इसी कचहरी में उनकी दस्तारबंदी (पगड़ी की रस्म) हुई थी। उन्होंने खुशी जताई कि वह अपने बड़े बेटे पीरजादा अरशद फरीदी की 17वें सज्जदानशीन (उत्तराधिकारी) के रूप में दस्तारबंदी कर रहे हैं।

—ऐतिहासिक कचहरी खानकाह मे उर्स की महफिल के दौरान ये घोषणा की गई
—इस मौके पर सूफियों और सज्जदानशीनों समेत हजारों लोगों ने शिरकत की

उन्होंने कहा कि 81 साल तक इस चौखट की खिदमत की और उम्मीद करता हूं कि अरशद फरीदी दरगाह की परम्पराओं, धार्मिक व सामाजिक नियमों का पालन करेंगे। यह भी उम्मीद जताई कि वह शाही फरमान में वर्णित नियमों के अनुसार पवित्र दरगाह के प्रबंधन को चलायेंगे। गौरतलब है कि बाबा शेख सलीम चिश्ती अजमेर शरीफ के ख्वाजा गरीब नवाज की चिश्ती परंपरा के सर्वमान्य सूफी थे।

Salim chishti की दरगाह के नये उत्तराधिकारी पीरजादा अरशद फरीदी होंगे

वह प्रसिद्ध सूफी हजरत बाबा फरीद के परिवार से थे। शेख सलीम चिश्ती का उर्स पिछले 454 वर्षों से यहां हर साल हो रहा है। इस अवसर पर मौजूद बाबा शेख सलीम चिश्ती के तमाम श्रद्धालुओं ने इस घोषणा का स्वागत किया। बाद में लोगों को संबोधित करते हुए पीरजादा अरशद फरीदी ने कहा कि अपने पिता के सानिध्य में रहते हुए वह खानकाही परंपराओं से भली भांति परिचित हैं और आगे भी उनके आदर्शों पर चलेंगे।

Salim chishti की दरगाह के नये उत्तराधिकारी पीरजादा अरशद फरीदी होंगे

उन्होंने कहा, इस दरगाह पर सिर्फ एक धर्म विशेष के नहीं बल्कि हर धर्म के लोग आते हैं, इसलिए हमारा दायित्व है कि हम सबका ख्याल रखें, भाईचारे को बढ़ावा दें और सबकी श्रद्धा व आस्था का ख्याल रखें। हमारा मक़सद अल्लाह की कृपा और दया हासिल करना है, देश के विकास के लिए प्रार्थना करना और प्रेम तथा आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना है।

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